लेकिन अभी तो सामान्य मरीजों पर ही ध्यान
उज्जैन। कलेक्टर ने जिन 14 ग्रीन निजी अस्पतालों में कोरोना पाॅजीटिव मरीजों का इलाज करने के लिए कहा है उनमें तैयारियां तो हो ही गई है वहीं आदेश का पालन करने का भी काम शुरू हो गया है बावजूद इसके जानकारी मिली है कि अधिकांश निजी अस्पतालों में अभी तो सामान्य मरीजों पर ही ध्यान दिया जा रहा है।
अस्पताल प्रबंधन का यह मानना है कि तीन दिनों में तैयारी नहीं हो सकती
बताया गया है कि निजी अस्पताल प्रबंधन का यह मानना है कि तीन दिनों में तैयारी नहीं हो सकती है और इसके लिए कम से कम सात दिन अवश्य ही चाहिए।डाॅ. कात्यायन मिश्र ने बताया कि वे अभी स्वयं क्वारन्टाईन है। लेकिन हम कलेक्टर के आदेश का पालन अवश्य ही करेंगे। उनका यह भी कहना था कि तैयारियां करने में कम से कम एक सप्ताह तो चाहिए ही। क्योंकि लगभग सभी अस्पतालों में सामान्य मरीज व अन्य गंभीर बीमारियों का ही इलाज किया जाता है और इसके अनुसार ही व्यवस्थाएं होती है, परंतु कोरोना पाॅजीटिव मरीजों के मामले में विशेष सावधानी रखना होती है इसलिए अलग से ही व्यवस्थाएं करना होगी। आइसोलेशन वार्ड बनाने के लिए वार्डों में फैबरिकेशन करना होगा, स्टाॅफ को अलग से प्रशिक्षण देकर कार्य कराना होगा, पीपीई कीट की उपलब्धता कराना होगी तथा अन्य कई व्यवस्थाएं जुटाना जरूरी रहेगी, इन सभी में कम से कम सात दिन तो लगेंगे ही।
इन निजी अस्पतालों में होगा कोरोना का इलाज
सभी 14 ग्रीन हॉस्पिटल में कुल 28 आईसीयू, 28 ऑक्सीजन बेड व 14 सामान्य बेड इस तरह कुल 70 बेड कोविड-19 पॉजीटिव मरीजों के उपचार हेतु आरक्षित करने के लिये कहा गया है। कलेक्टर एवं जिला दण्डाधिकारी ने पुष्पा मिशन, जेके नर्सिंग होम, देशमुख हॉस्पिटल, जीडी बिड़ला अस्पताल, चेरिटेबल हॉस्पिटल, एसएस हॉस्पिटल, संजीवनी हॉस्पिटल, पाटीदार अस्पताल, सहर्ष अस्पताल, सीएचएल अस्पताल, गुरूनानक अस्पताल, तेजनकर अस्पताल, बालाजी हॉस्पिटल एवं उज्जैन हार्ट हॉस्पिटल जिनकी कुल बेड क्षमता 1452 है, में प्रत्येक में कोरोना पॉजीटिव मरीजों हेतु दो आईसीयू, दो ऑक्सीजन बेड एवं एक सामान्य बेड इस तरह कुल पांच बेड कोरोना पॉजीटिव मरीजों के लिये आरक्षित करने के निर्देश दिये हैं।