अंतिम फैसला महाकाल मंदिर पर लगी पेटीशन पर सुनाया : जस्टिस अरुण मिश्रा
उज्जैन
महाकालेश्वर मंदिर में शिवलिंगी शरण के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने फैसला दे दिया है जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा अब मंदिर में आम श्रद्धालु पंचामृत अभिषेक नहीं करवा पाएंगे पुजारी पंचामृत अभिषेक कर सकते हैं भक्तों को शुद्ध दूध और जल चढ़ाने की अनुमति होगी जस्टिस अरुण मिश्रा ने कहा महाकाल की कृपा से आज मेरा आखिरी फैसला हो गया मंगलवार को कोर्ट में उनका अंतिम दिन था वह रिटायर हो गए हैं।
रिटायर के पहले उन्होंने अपना अंतिम फैसला सुनाया।
2017 से चल रहा महाकाल मंदिर का मामला को लेकर याचिकाकर्ता सारिका गुरु ने कोर्ट में ज्योतिर्लिंग के क्षरण को लेकर याचिका लगाई थी इस पर कोर्ट ने कमेटी बनाकर मंदिर कनेक्शन करवाया कमेटी ने ज्योतिर्लिंग का क्षरण रोकने के लिए समिति को शिवलिंगी का अभिषेक आरओ जल श्री करने के अलावा पूजन सामग्री समिति मात्रा में उपयोग करने जैसे सुझाव दिए थे।
अब मंदिर मैं ही शुद्ध जल और दूध की व्यवस्था होगी।
शिवलिंगी को रगड़ने की अनुमति नहीं।
शिवलिंगी पर केवल शुद्ध जल और दूध ही चढ़ेगा।
दूध दही घी शहद शक्कर को शिवलिंगी पर रगड़ना वर्जित है।
यदि मंदिर के पुजारी पुरोहित या उनके प्रतिनिधि इन नियमों का उल्लंघन करते हैं तो मंदिर समिति कार्रवाई करने पर स्वतंत्र होगी।