उज्जैन । पिछले 5 माह से लॉकडाउन में सारी अर्थव्यवस्था चरमरा गई है न्यायालय पूरी तरह से बंद होने के कारण वकील भी खासे परेशान हैं इनकी रोजी रोटी के भी लाले पड़े हुए हैं ना तो फरियादी आ रहे हैं और ना ही कोई मुजरिम इन वकीलों के पास आ रहा है न्यायालय कब खुलेगा इसको लेकर अभी तक संशय बना हुआ है न्यायालय खोले जाने को लेकर सभी वकील लामबंद हो गए हैं और उनका कहना है कि जब बाजार खुल गए रविवार का लॉकडाउन भी खत्म हो गया तो फिर न्यायालय को खोलने में क्यों देरी की जा रही है ।
प्रदेश में रोजगार धंधे बंद होने के कारण आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई
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कोरोनावायरस के चलते पूरे देश और प्रदेश में रोजगार धंधे बंद होने के कारण आर्थिक व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई थी न्यायालय का कामकाज बंद होने से वकील भी अपने घर बैठे हुए हैं हालांकि स्टेट बार कौंसिल की ओर से वकीलों को आर्थिक मदद दी दिलवाई गई थी लेकिन यह भी ऊंट के मुंह में यह साबित हुई 80% वकील रोज खाते हैं और रोज कमाते हैं उनकी आजिविका वकालत पर भी टिकी हुई है अब उनके सामने घर चलाने का भी संकट पैदा हो गया है कुछ वकीलों का कहना है कि इस प्रकार की स्थिति यदि लगातार बनी रही तो हम लोग आर्थिक रूप से काफी कमजोर हो जाएंगे और हालत यह हो जाएंगे कि हम लोगों को सब्जी फल फ्रूट का ठेला लगाना पड़ सकता है अभी तक जेलों में बंद कैदियों की सुनवाई वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए की जा रही थी जिस में भी जो महत्व प्रकरण होते उनकी ही सुनवाई हो रही है ऐसे में कई कैदी जेलों में बेवजह बंद है और वे न्याय का इंतजार कर रहे हैं परंतु न्यायालय बंद होने के कारण इन लोगों को न्याय नहीं मिल पा रहा है।
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