दिल्ली के शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा है कि केंद्र सरकार को नीट और जेईई एग्जाम टाल देना चाहिए।
सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद भी कोरोनाकाल में नीट ओर जेईई एग्जाम कराए जाने का विरोध हो रहा है। कांग्रेस, आम आदमी पार्टी और कई छात्र इसके विरोध में हैं। नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (एनटीए) ने कहा है कि परीक्षाएं तय समय पर यानी जेईई 1 सितंबर से 6 सितंबर तक और नीट 13 सितंबर को करवाई जाएगी।
शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक का दावा है कि पैरेंट्स और स्टूडेंट्स लगातार दबाव बना रहे हैं। उनके परिवार परीक्षाएं चाहते हैं। जेईई एग्जाम के लिए 80% छात्र पहले ही एडमिट कार्ड डाउनलोड कर चुके हैं। उन्होंने एक इंटरव्यू में कहा, ‘जेईई के लिए रजिस्टर लाख छात्रों में से 7.25 लाख उम्मीदवारों ने अपने एडमिट कार्ड डाउनलोड कर लिए हैं। हम छात्रों के साथ हैं। उनकी सुरक्षा पहले हो, फिर उनकी शिक्षा।’ केंद्र सरकार का स्टैंड जैसा है उससे तो यही लगता है कि सरकार सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाने के मूड में नहीं है। उसने एग्जाम कराने की तैयारी कर ली है।
सुप्रीम कोर्ट में केंद्र या राज्य सरकारों की ओर से रिव्यू पिटीशन लगती है तो एग्जाम टलने की संभावना है।
ऐसा तभी होगा जब सुप्रीम कोर्ट राज्य सरकारों की याचिका स्वीकार करके परीक्षाओं पर रोक लगाए। लेकिन अभी तक कोई भी सरकार कोर्ट नहीं पहुंची है। हालांकि, बुधवार को सात राज्यों के मुख्यमंत्रियों की बैठक के बाद दावा किया गया कि सभी राज्य सरकारें सुप्रीम कोर्ट में रिव्यू पिटीशन लगाएंगी।