बाजार में लोग इस प्रकार से निकलते हैं कि जैसे 5 माह इन लोगों ने इस महामारी का रूप देखा ही नहीं
उज्जैन : सरकार की गाइड लाइन के अनुसार धीरे धीरे 100% बाजार खोलने की अनुमति दी जा रही है लेकिन यह अनलॉक 4 उज्जैन शहर की जनता पर भी भारी पड़ रहा है क्योंकि जिस प्रकार से कोरोना संक्रमण के मरीज निकल रहे हैं जिससे ऐसा लगता है कि लॉकडाउन के दौरान मरीजों की संख्या कम हुई थी और अंकुश जी लगा था परंतु अब रविवार को भी लॉकडाउन नहीं रहेगा और बाजारों में पहले की तरह भीड़ भाड़ दिखाई देगी क्योंकि 6 दिनों तक बाजार में लोग इस प्रकार से निकलते हैं कि जैसे 5 माह इन लोगों ने इस महामारी का रूप देखा ही नहीं हो जो लोग इस महामारी की चपेट में आ चुके हैं इसका दर्द वह और उसके परिवार वाले ही जानते हैं लेकिन जो लोग अभी तक इस महामारी से बचे हुए हैं वह लोग इतने लापरवाह और बेफिक्र होते हैं कि अपने छोटे बच्चों को भी उंगली पकड़कर बाजार तक लेकर आ रहे हैं जबकि चिकित्सकों का कहना है कि यह महामारी बच्चों और बुजुर्गों में सबसे अधिक फैलती है क्योंकि इन लोगों की शारीरिक क्षमता कमजोर होती है ।
नगरी की जनता पढ़ी-लिखी है इसके बावजूद भी यहां की जनता पढ़ लिख कर भी गंवार बनी हुई है
शहर की जनता इस बात को समझने के लिए तैयार नहीं होती है जबकि वास्तविकता में देखा जाए तो अगस्त में सबसे अधिक कोरोना संक्रमण के मरीजों की संख्या में इजाफा हुआ है अभी यह महामारी गई नहीं है बल्कि पलट कर वापस लौट रही है यदि इसी प्रकार के हालत रहे तो कहीं ऐसा ना हो कि एक बार फिर से लॉकडाउन की परिस्थितियां उत्पन्न ना हो जाए प्रशासन भी लोगों को समझा समझा कर हार गया है की मास्क पहन कर घर से बाहर निकले सोशल डिस्टेंस का पालन करें विशेषकर बुजुर्ग घर से जरूरी होने पर ही बाहर जाएं बच्चों का विशेष ख्याल रखें परंतु इन बातों को उज्जैन शहर की जनता ने तो दरकिनार कर दिया है ऐसा नहीं है कि इस धार्मिक नगरी की जनता पढ़ी-लिखी है इसके बावजूद भी यहां की जनता पढ़ लिख कर भी गंवार बनी हुई है। जिले में कोरोना संक्रमित संख्या लगातार बढ़़ रही सितंबर की शुरुआत भी बड़े हुए नए मरीजों से हो रही है अच्छीीी बात यह है लॉक डिस्चार्ज होने के बाद घर भी लौट रहे हैं अब तक इस महामारी के कारण 79 लोगों की मौत हो चुकी है इससे अधिक चिंता की बात यह है कि गंभीर मरीज बढ़ने लगे हैं । यह है कि आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज में वेंटिलेटर फुल होो रहे हैं माधव नगर वेंटिलेटर का कम उपयोग हो रहा है इसके बावजूद भी लोग मानने को तैयार नहीं है।