- अच्छाई के सामने कभी टिक नहीं सकती बुराई
- विश्व कल्याण और नगर की सुख समृद्धि के लिए शतचंडी महायज्ञ में 9 दिनों में दी ढाई लाख आहुतियां
सोयतकला 25 अक्टूबर 2020
रविवार को धर्म शक्ति जागरण के तत्वावधान में सरस्वती शिशु मंदिर में चल रहे शतचंडी महायज्ञ एवं रामकथा की पुर्णाहुति के साथ नौ दिवसीय रामकथा संपन्न मानस पीयूष पण्डित राधेश्याम दुबे ने प्रवचन देते हुए कहा कि अच्छाई के सामने कभी भी बुराई टिक नहीं सकती।

अच्छाई व सच्चाई की सदैव विजय होती है। यहां उनके सान्निध्य में आयोजित नौ दिवसीय संगीतमय रामकथा का समापन रविवार को भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक प्रसंग के साथ हुआ। शतचंडी महायज्ञ हवन में काफी संख्या में लोगों ने भाग लिया। कथावाचक मानस पीयूष पण्डित राधेश्याम दुबे ने भगवान श्रीराम के राज्याभिषेक प्रसंग का वर्णन विस्तार से करते हुए कहा कि पापियों के पाप का घड़ा कभी न कभी जरूर भरता है। पाप ही पापी के अंत का कारण बन जाता है। कहा कि दशानन की पराजय नहीं होते देख विभीषण ने भगवान श्रीराम को रावण के वध का तरीका बताया था कि उसकी नाभि में बाण मारने से ही उसका अंत होगा।

कथा मे पोथी पूजन यजमान राकेश गुप्ता विधायक प्रतिनिधि, कमलेश शर्मा पटवारी , मनोहर लाल शर्मा के द्वारा किया गया । । इस अवसर पर धर्म जागरण शक्ति के राजेश कुमरावत , जितेंद्र शर्मा , गिरिश आचार्य , मांगीलाल सेन, लालचंद राठौर, नीरज शर्मा , अमित नागर , बसंत भावसार , निकुंज कुमरावत, राहुल शर्मा , मथुरालाल कुशवाह , गोविंद सिंह नरुका ,सुमित नागर ,रामप्रसाद भावसार बसंत भावसार आदि कार्यकर्ता उपस्थित थे । धर्म शक्ति जागरण के राजेश कुमरावत में सभी नगर के यजमानों का हार्दिक आभार प्रकट करते हुए इस रचनात्मक धार्मिक आयोजन की शुभकामनाएं दी ।

- जीवन किसी के प्रभाव में नहीं प्रताप में जीना सीखो
- मानव जीवन में तीन छलांग लगाना जरुरी
राम कथा के अंतिम दिन कथा वाचक मानस पीयूष दुबे ने भक्ति के सागर हनुमान जी के प्रसंग में कहा कि हर व्यक्ति को जीवन में हनुमान जी की तरह तीन छलांग लगाना चाहिए । हनुमान जी ने बाल रूप में , पहली छलांग ज्ञान की लगाई , दूसरी छलांग भक्ति , तीसरी छलांग हनुमान जी ने कर्म की लगाई और संजीवनी बुटी लाने के लिए निकले । सुख समृद्धि के लिए दी ढाई लाख आहुतियां धर्म शक्ति जागरण द्वारा आयोजित नौ दिवसीय शतचंडी महायज्ञ में लगभग ढाई लाख से अधिक आरतियां नगर की सुख समृद्धि और विश्व कल्याण के लिए दी गई यज्ञ आचार्य पंडित राम गोपाल चतुर्वेदी ने बताया कि शतचंडी महायज्ञ में प्रतिदिन लगभग 25 हजार से अधिक आहुतियां दी गई ।
नगर में निकली शोभायात्रा
शतचंडी महायज्ञ एवं श्री राम कथा के समापन के अवसर पर नगर में रविवार को रामायण रामचरितमानस की शोभायात्रा निकाली शोभायात्रा का जगह-जगह नगर वासियों ने स्वागत किया ।