सरस्वती शिशु मंदिर में होने वाले महायज्ञ की यज्ञशाला को अंतिम रूप देते कलाकार
सोयत कला-( राजेश बैरागी)
- श्री शतचंडी महायज्ञ में यहा होगा यजमानों का शुद्धिकरण
- यज्ञाचार्य के सानिध्य में यज्ञशाला को अंतिम रूप देते कलाकार नवरात्रि के पावन अवसर पर धर्म शक्ति जागरण द्वारा नौ दिवसीय श्रीराम कथा और शतचंडी महायज्ञ 17 अक्टूबर से शुरू होने वाला है । नगर में पहली बार हो रहे शतचंडी महायज्ञ में पूरे नगर के सभी समाजों का सानिध्य यज्ञ में और कथा में मिलने वाला है । सरस्वती शिशु मंदिर में परिसर में आयोजित श्रीशतचंडी महायज्ञ में शुक्रवार को महायज्ञ में आहुति देने वाले यजमानों का हेमाद्री स्नान कर शुद्धिकरण किया जाएगा। यज्ञाचार्य पंडित राम गोपाल चतुर्वेदी ने बताया कि वैदिक मंत्रोच्चार और वैदिक पद्धति से सभी यजमानों का हिमाद्रि स्नान कर शुद्धिकरण किया जाएगा ।
- आचार्य ने यज्ञ महिमा को बताते हुए कहा कि मां दुर्गा शक्ति की देवी हैं। मां दुर्गा को प्रसन्न करने के लिए जिस यज्ञ विधि को पूर्ण किया जाता है, उसे शतचंडी यज्ञ कहा जाता है। यज्ञ को सनातन धर्म में बेहद शक्तिशाली वर्णित किया गया है। आचार्य ने कहा यज्ञ की पवित्र अग्नि के माध्यम से हम जो आहुति डालते हैं वो देवताओं तक पहुंचती है और देवता हमें आशीर्वाद देते है ।
- सामाजिक समरसता का होगा अनूठा उदाहरण
नवरात्रि में होने वाले इस आयोजन में सामाजिक समरसता का अनूठा उदाहरण देखने को मिलेगा । धर्म शक्ति जागरण के राजेश कुमरावत ने बताया कि नगर में 9 दिन तक चलने वाले यज्ञ में अलग-अलग 9 समाज के यजमानों द्वारा पंच कुंडी यज्ञ में अपनी आहुतिया देंगे । इसी प्रकार 9 दिन की राम कथा में भी अलग-अलग 9 समाज के यजमानों का समावेश होगा । वहीं दूसरी ओर कथा के समापन पर प्रतिदिन अलग-अलग समाज के यजमानों द्वारा 9 दिन तक प्रसादी का वितरण होगा इस अनूठे आयोजन की नगर और क्षेत्र में चर्चा है ।